श्री गणेश मंगलाष्टक

Shree Ganesh Chalisa
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श्री गणेश मंगलाष्टक ( Shri Ganesh Mangalashtakam ) भगवान श्री गणेश जी को समर्पित हैं श्री गणपति मंगलाष्टक का नियमित रूप से पाठ करने से व्यक्ति के रुके हुए काम पुरे होने लगते हैं| श्री गणेश मंगलाष्टक के साथ-साथ यदि गणेश आरती भी की जाए तो बहुत लाभ मिलता है, मनोवांछित कामना पूर्ण होती है|

श्री गणेश मंगलाष्टक

Shri Ganesh Mangalashtakam

गजाननाय गांगेय सहजाय सर्दात्मने|
गौरी प्रियतनूजाय गणेषयास्तु मंगलम ||1||
नागयज्ञोपवीताय नतविध्न विनाशिने|
नन्द्यादिगणनाथाय नायाकायास्तु मंगलम ||2||
इभवक्त्राय चंद्रादिवन्दिताय चिदात्मने!
ईशान प्रेमपात्राय चेष्टादायास्तु मंगलम ||3||
सुमुखाय सुशुन्डाग्रोक्षिप्तामृत घटाय च!
सुखरींदनिवे व्यय सुखदायास्तु मंगलम ||4||
चतुर्भुजाय चन्द्राय विलसन्मस्तकाय च!
चरणावनतानन्ततारणायास्तु मंगलम ||5||
वक्रतुण्डाय वटवे वन्धाय वरदाय च!
विरूपाक्षसुतायास्तु विघ्ननाशाय मंगलम ||6||
प्रमोदामोदरूपाय सिद्धिविज्ञानरुपिणे !
प्रकृष्टपापनाशाय फलदायास्तु मंगलम ||7||
मंगलं गणनाथाय मंगलं हरसूनवे !
मंगलं विघ्नराजाय विघ्न हत्रेंस्तु मंगलम ||8||
श्लोकाष्टकमि पुण्यं मंगलप्रदमादरात !
पठितव्यं प्रयत्नेन सर्वविघ्ननिवृत्तये

|| इति श्री गणपति मंगलाष्टकम ||


श्री गणेश जी की आरती

(Shri Ganesh Aarti)

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

 


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