श्री गणेश मंगलाष्टक ( Shri Ganesh Mangalashtakam ) भगवान श्री गणेश जी को समर्पित हैं श्री गणपति मंगलाष्टक का नियमित रूप से पाठ करने से व्यक्ति के रुके हुए काम पुरे होने लगते हैं| श्री गणेश मंगलाष्टक के साथ-साथ यदि गणेश आरती भी की जाए तो बहुत लाभ मिलता है, मनोवांछित कामना पूर्ण होती है|
श्री गणेश मंगलाष्टक
Shri Ganesh Mangalashtakam
|| इति श्री गणपति मंगलाष्टकम ||
श्री गणेश जी की आरती
(Shri Ganesh Aarti)
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
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